1.Lipid profile लिपिड प्रोफाइल
लिपिड टेस्ट एक ब्लड की जांच होती है इसमें यह पता लगाया जाता है कि आपके शरीर में लिपिड ( वसा) कितना है यह लिपिड दो तरह के होते हैं जिसे हम गुड कोलेस्ट्रोल और बैड कोलेस्ट्रॉल की कैटेगरी में बांट सकते हैं कोलेस्ट्रोल से हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है लेकिन कोलेस्ट्रोल की अधिकता से कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं हार्ट अटैक बीपी पैरालाइसिस हार्ट संबंधी बीमारियां तनाव ,शुगर ,अबसाद आदि
लिपिड हमारी ब्लड वेसल्स रक्त वाहिनी मे जमा एक्स्ट्रा लिपिड (फैट) को मापने के लिए किए जाने वाला एक ब्लड टेस्ट है
2. लिपिड प्रोफाइल में की जाने वाली जांच Test in lipid profile
लिपिड प्रोफाइल में किए जाने वाले रेस्ट टेस्ट 1.कोलेस्ट्रोल(cholesterol ) 2.ट्राइग्लिसराइड (Triglycerides) 3. एचडीएल (HDL ) 4.एलडीएल(LDL) 5.वीएलडीएल (VLDL) 6.Chol/Hdl risk factor
3.लिपिड प्रोफाइल नार्मल रेंज Lipid profile normal value
कोलेस्ट्रोल ( Cholesterol) 130 -250 mg/dl
ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) upto 150 mg/dl
एचडीएल (HDL cholesterol) 5-70 mg/dl
एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (LDL CHOL.) upto 150 mg/dl
वीएलडीएल कोलेस्ट्रोल (VLDL Chol) 7-30 mg/dl
4.लिपिड प्रोफाइल टेस्ट रेट, Lipid profile test price
Lipid profile टेस्ट के रेट आपकी पैथोलॉजी हॉस्पिटल तीन इक्के क्लीनिक के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं
भारत में समानता ₹400 से ₹900 तक हो जाता है
5.कोलेस्ट्रॉल टेस्ट क्यों कराते हैं
डॉक्टर और और विशेषज्ञों का मानना है कि लिपिड के बढ़ने का कोई खास लक्षण नहीं दिखता इसके लिए ब्लड टेस्ट ही सबसे अच्छा तरीका है कोलेस्ट्रोल की जांच से यह पता चलता है कि आपकी ब्लड वेसल्स नसों में कितना लिपिड है और कौन से लिपिड की मात्रा कितनी है जैसे एचडीएल गुड कोलेस्ट्रॉल का लेवल कितना है और बैड कोलेस्ट्रॉल एलडीएल का लेवल कितना है टोटल कोलेस्ट्रॉल ट्राइग्लिसराइड का लेवल कितना कितना है
6.कोलेस्ट्रोल टेस्ट कराने के फायदे
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराने का मकसद डॉक्टर और विशेषज्ञों का मानना है है की जिन लोगों को ह्रदय संबंधी समस्याएं रहती है बी पी, घबराहट ,चक्कर आना या जिनके परिवार में हृदय रोग की हिस्ट्री हो उन लोगों को यह टेस्ट करने से समय से पहले अपनी बीमारी को पकड़ सकते हैं और आने वाले खतरे को समझ सकते हैं जिनके परिवार में पहले से हार्ट पेशेंट हो उन लोगों को यह टेस्ट 30 के बाद यह ब्लड टेस्ट जरूर कराना चाहिए ! आप हृदय रोग संबंधी बीमारियों से बचाव कर सकते हैं!
7.कोलेस्ट्रोल का खतरा किसे हो सकता है
जिन लोगों के परिवार में हृदय संबंधी मरीज का इतिहास हो, नशा करने वाले, शुगर पेशेंट , जिनका वजन अधिक हो, जो लोग तला हुआ भोजन करते हैं जंक फूड फास्ट फूड अधिक खाते हैं ,नींद कम लेते हैं, चलने फिरने वाला काम कम करते हैं, शारीरिक व्यायाम नहीं करते उन लोगों को लिपिड का खतरा अधिक होता है
7.1. Total CHOLESTEROL - टोटल कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर में उपस्थित कोलेस्ट्रॉल की मात्रा सभी प्रकार के कोलेस्ट्रोल की मात्रा इसी से पता चलती है
7.2. LDL CHOLESTEROL -
एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को हम बैड कोलेस्ट्रॉल भी कहते हैं क्योंकि यह शरीर की नसों की दीवार से चिपक कर उनको कठोर और सकरा कर देता है हार्ट अटैक का मुख्य कारण होता है यह शरीर में धीरे-धीरे जमा होता है इंसुलिन को भी कम करता है इसी कोलेस्ट्रॉल के कारण शुगर बीपी हाइपरटेंशन की समस्याएं पैरालाइसिस आदि होने की संभावनाएं बढ़ जाती है
7.3.HDL CHOLESTEROL
एचडीएल को गुड कोलेस्ट्रॉल या अच्छा कोलेस्ट्रॉल भी कहते हैं यह हमारे शरीर की नसों में से एक्स्ट्रा बचे हुए कोलेस्ट्रॉल को अपने साथ बहाकर लीवर तक ले जाता है और लीवर इसे शरीर के बाहर कर देता है यह शरीर में कोलेस्ट्रोल को जमने नहीं देता!
7.4. VLDL CHOLESTEROL
हमारे शरीर में बहुत कम मात्रा में होता है यह कोलेस्ट्रोल ह्रदय की नसों में जमने वाला होता है यह cholesterol सबसे ज्यादा घातक होता है क्योंकि यह ब्लड के साथ सारे शरीर में बहता है
7.5 TRIGLYCERIDE - यह लिपिड हमको हमारे भोजन से मिलता है इसकी अधिकता हमारी हार्ट की नसों को सकरा करता हैं यह हमारे शरीर में 150 mg/dl तक होता है
8.कोलेस्ट्रोल अधिक होने के लक्षण
8.1.ब्लड प्रेशर का अधिक होना
8.2.सीने में दर्द या घबराहट
8.3.सीने में जलन
8.4.थोड़ा चलने में थकान
8.5.पेट में दिक्कत
8.6.चक्कर आना
8.7.मांसपेशियों में खिंचाव एवं दर्द
8.8. थकावट होना या जल्दी थक जाना
9.Cholesterol badhane ka Karan कोलेस्ट्रोल बढ़ने का कारण
कोलेस्ट्रोल बढ़ने का कारण
9.1.अधिक तैलीय वह तला हुआ भोजन
9.2.शारीरिक व्यायाम कम
9.3.थायराइड
9.4.मानसिक तनाव
9.5. वजन बढ़ना या अधिक होना
9.6.नशा करना शराब सिगरेट तंबाकू आदि
9.7 नॉनवेज का अधिक सेवन
9.8.शुगर पेशेंट
9.9.अव्यवस्थित जीवन
9.10. नींद कम लेना
10.कोलेस्ट्रोल अधिक होने पर कौन सा टेस्ट कराएं
कोलेस्ट्रोल अधिक होने पर पहले आप अपने डॉक्टर से कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें और उनकी परामर्श से ईसीजी (ECG) इको (ECHO) कलर डॉपलर या टीएमटी (TMT)ट्रेडमिल टेस्ट करा सकते हैं
11.कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करने के उपाय या बचाव
कोलेस्ट्रोल कंट्रोल करने के लिए आप संतुलित आहार ले और वसा युक्त भोजन कम करें , रोजाना व्यायाम करें ,भरपूर नींद लें ,समय-समय पर लिपिड की जांच करवाते रहें जंक फूड से दूर रहें नशा ना करें
नमक, मिर्च ,प्याज ,कम से कम खाएं, शक्कर, मैदा, मक्खन बटन मसाले को कम करें
वह खाना (चीजे) जो कोलेस्ट्रॉल हाई होने पर होने पर ना खाएं
1. नारियल का तेल नारियल
2. Bacon
3. fatty pork
4. Red meat
5. Chickin wing
6. Pizza
7. Oily popcorn
8. Soda
9. Butter
10.French fries
11 .Biscuits
12. Suger free
फल जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक है
अनार ,आम ,अंगूर ,संतरा ,नींबू ,सेब ,बेरी, ग्रीन एप्पल, नारियल या नारियल पानी , तुलसी के पत्ते या उस का रस कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होता है
भोजन जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है
खाने में मूंग दाल ,पालक, ब्रोकली की सब्जी, हरी पत्तेदार सब्जियां, अदरक, ओट्स मील, फूलगोभी, मखाने, बाजरा की रोटी राजमा, मुनगा की फली बहुत फायदेमंद है
लिपिड अधिक होने पर होने वाली समस्याएं या बीमारी
लिपट बढ़ने से होने वाले रोग -
हृदय रोग -ब्लड प्रेशर ,हार्ट अटैक, अर्थराइटिस (जोड़ों में दर्द) स्टॉक
दिमागी बीमारियां - तनाव मानसिक परेशानी घबराहट चिड़चिड़ापन
डायबिटीज- लिपिड बढ़ने से शुगर के समस्या भी हो सकती है
लीवर की समस्या बढ़ जाती है फैटी लीवर खट्टी डकार भी हो सकती है
और अन्य समस्याएं हाथ पैरों में या फिर पैरों में सूजन हो सकती है झनझनाहट सुन्नपन पैरों में खुजली मांसपेशियों में खिंचाव दर्द
हाई कोलेस्ट्रॉल का इलाज cholesterol treatment
नोट - यह लेख मात्र जानकारी के उद्देश्य लिखा गया है इसमें कोई इलाज ट्रीटमेंट के लिए सलाह नही दी है! आपको कोई भी समस्या है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें
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