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मधुमेह प्रबंधन में प्रभावी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ और उनके लाभ मधुमेह, जिसे "डायबिटीज" के नाम से भी जाना जाता है, आजकल तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। आयुर्वेद, जो भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, मधुमेह को प्रबंधित करने के लिए प्रभावी जड़ी-बूटियाँ और औषधियाँ प्रदान करता है। इन प्राकृतिक जड़ी-बूटियों में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने और पाचन व चयापचय को बेहतर बनाने की अद्भुत क्षमता होती है। आइए, जानते हैं कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और उनके फायदों के बारे में। 1. चिरायता पूरी पौधा अर्क चिरायता एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो अपने एंटी-डायबिटिक गुणों के लिए प्रसिद्ध है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करती है और पैंक्रियाटिक बीटा कोशिकाओं को पुनर्जीवित करती है। इसमें मौजूद प्राकृतिक यौगिक इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं। 2. शुद्ध कुचला बीज (स्ट्राइक्रिनस नक्स-वोमिका) आयुर्वेद में कुचला के बीज का उपयोग पैंक्रियास के कार्य को सुधारने के लिए किया जाता है। यह बीज इंसुलिन स्राव को बढ़ावा देकर ग्लूकोज चयापचय को बेहतर बनाते हैं। 3. मुक्ताशुक्ति पिष्टी औ...