LFT test, liver function test
1.SGOT (AST) एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज
एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज जब मरीज के हार्ट,लीवर, स्केलेटल मसल्स ,किडनी, आरबीसी सेल्स छतिग्रस्त एवं इनमें कोई बीमारी हो जैसे मायोकार्डियल संक्रमण हेपेटाइटिस लिवर नैक्रोसिस सिरोसिस एवं मस्कुलर डिस्ट्रोफि इन स्थिति में AST का स्तर बढ़ जाता है पेट खराब होने पर शराब दारू का नशा करने पर भी बढ़ जाता है
2.SGPT ( ALT) एलानिन एमिनोट्रांस्फरेज
इस एंजाइम्स की अधिकता का मुख्य मुख्य कारण हार्ट,किडनी लीवर, पेनक्रियाज ,फेफड़े की बीमारी में बढ़ जाता है और भी कुछ बीमारी है जिनमें एसजीपीटी का लेवल बढ़ जाता है जैसे हेपेटाइटिस ,पीलिया ,सिरोसिस ,नैक्रोसिस आदि में एसजीपीटी का लेवल बढ़ जाता है कुछ बीमारियां जिसमें एसजीपीटी का लेवल कम हो जाता है जैसे क्रॉनिक लिवर सर्कुलेटरी फेलियर हाइपोसिया , myocardial आदि कुछ बीमारियां हैं
3. Alkaline phosphate एल्कलाइन फोस्फेटासे
एल्कलाइन फास्फेट मुख्य रूप से टिशू ,हड्डी, लीवर, छोटी आंत बड़ी आंत ,इंटेस्टाइन ,एपीथिलियम ,किडनी ,प्लेसेंटा और ब्रेस्ट में पाया जाता है नवजात शिशु, बच्चे, प्रेग्नेंट लेडी, मैं इसका लेवल अधिक रहता है एल्कलाइन के बढ़ने का मुख्य कारण ड्रग थेरेपी, हेपेटाइटिस, हेपेटाइटिस बी वायरस (HbsAg)एचसीवी (HCV )हड्डियों की बीमारी रिकेट्स हाइपरपैराथायराइडडिज़्म आदि में यह बढ़ जाता है alkaline phosphate के कम होने का कारण होता है सेवरल एनीमिया , scuruy, kwashiorkor, creatinine की असमानता
4.एल्बुमिन - Albumin
लीवर में बनने वाला मुख्य प्लाजमा प्रोटीन है यह खून के साथ बहने वाले द्रव को रोकता है ऊतक और कोशिकाओं को पोषण देता है ऊर्जा प्रदान करता है यह शरीर में हार्मोन विटामिन के संचार में मदद करता है शरीर में जब पानी की कमी होती है इस स्थिति में यह प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है
और जब शरीर में प्रोटीन का लॉस होता है किडनी से स्किन से intestinal epithelium इस स्थिति में albumin का लेवल कम हो जाता है यह मुख्यता जब शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है या बीपी अधिक होता है उस स्थिति में भी एल्बुमिन का लेवल कम हो जाता है
5.प्रोटीन protein
Protein total protein यह हमारे शरीर में हुई क्षति को पूर्ति करने में या उसको भरने में मुख्य भूमिका निभाता है यह हमारे ऊतक कोशिकाओं हड्डियों स्क्रीन को रिपेयर करता है
6.बिलीरुबिन Bilirubin
बिलीरुबिन हमारे शरीर में मौजूद रक्त में पाई जाने वाली लाल रक्त कणिकाएं (RBC )जब अपना जीवन काल करके टूटते हैं या किसी बीमारी में जब आरबीसी टूटती है तो उनमें से एक पदार्थ निकलता है जिसे हम बिलीरुबिन कहते हैं यह सारे शरीर से एकत्र होकर लीवर के माध्यम से मल द्वारा शरीर के बाहर निकल जाता है किसी कारणवश जब बिलीरुबिन लीवर में रुक जाता है उस स्थिति में यह शरीर को हानि पहुंचाता है इसके कारण पीलिया पेट दर्द पीली पेशाब आदि समस्या उत्पन्न होती है
लिवर फंक्शन टेस्ट कैसे किया जाता है
लिवर फंक्शन टेस्ट एक साधारण प्रक्रिया है इसमें पेशेंट का ब्लड सैंपल लिया जाता है और कुछ विशेष टेस्ट के लिए urine सैंपल भी ले सकते हैं इसका ब्लड सैंपल किसी भी समय ले सकते हैं इसमें खाली पेट या खाने के बाद कोई परिस्थिति नहीं है
लिवर फंक्शन टेस्ट कितने में होता है LFT test price
लिवर फंक्शन टेस्ट का रेट आपकी हॉस्पिटल क्लीनिक पैथोलॉजी लैब पर डिपेंड करता है वैसे टेस्ट ₹300 से लेकर ₹800 तक हो जाता है इसमें पैथोलॉजी लैब कितने टेस्ट लगा रहा है उस पर भी रेट डिपेंड करते हैं
लिवर फंक्शन टेस्ट कब करना चाहिए
- पीलिया
- उल्टी आना
- भूख कम लगना
- पेट दर्द
- थकान
- पेशाब रुक रुक के आना
- पेशाब में जलन होना
- दस्त लगना
- पेशाब का रंग पीला
- शरीर में पानी की कमी
- डायबिटीज
- उच्च रक्तचाप हाई ब्लड प्रेशर
- शराब का अधिक सेवन करने वाले लोग
- खाने में जहरीली चीज आई हो
- गर्भवती महिलाएं
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