योग परिचय
योग दिवस को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसे हर साल 21 जून को मनाया जाता है। योग दिवस का आयोजन पहली बार 21 जून 2015 को किया गया था। यह आयोजन परिणामस्वरूप योग के महत्व और उसके लाभों को विश्वभर में प्रमोट करने का एक प्रयास है। योग दिवस के द्वारा, लोगों को योग के माध्यम से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए प्रेरित किया जाता है और योग की महत्वपूर्ण भूमिका को जागृत किया जाता है।
योग दिवस को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा संयुक्त रूप से मान्यता प्राप्त है और इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा भी समर्थित किया जाता है। यह प्रतिवर्ष 21 जून को योग के महत्व को बढ़ावा देने और योग के लाभों को जनसाधारण लोगों तक पहुंचाने का अवसर प्रदान करता है।
योग, जो हमारे शरीर, मन, और आत्मा के संगठनात्मक विकास को समर्पित है, हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमें शांति, स्वास्थ्य, और आनंद प्रदान करने के साथ-साथ अच्छे संबंध, बुद्धि, और उच्चतम सामरिक और आध्यात्मिक स्थान तक भी ले जाता है। योग के अंतर्गत विभिन्न आसन और प्राणायाम शामिल होते हैं, जो हमें शारीरिक और मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाने में सहायता करते हैं।
योग के प्रकार
इस लेख में, हम इन प्रमुख योग क्रियाओं के बारे में विस्तार से जानेंगे।
कपाल भाती (Kapalabhati):
कपाल भाती, जिसे "चेतना की सफाई" के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार का प्राणायाम है जिसमें हम श्वसन मार्ग को साफ़ करते हैं। यह हमारे मस्तिष्क को शुद्ध करने, ताजगी और ऊर्जा को बढ़ाने, और मन को स्थिर करने में सहायता करता है।
सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar):
सूर्य नमस्कार एक पूरा योग क्रिया है जो सूर्य की पूजा का एक नया तरीका है। इसमें बारीकी से संरचित आसन और प्राणायाम का एक समूह होता है, जो हमारे शरीर, मन, और आत्मा को एकीकृत करने के साथ ही हमारे शारीरिक और मानसिक आयाम को सुधारता है। सूर्य नमस्कार शक्ति और शांति की प्राप्ति में मदद करता है और हमें उच्च स्तर की सुचेतता और सक्रियता प्रदान करता है।
अनुलोम विलोम (Anulom Vilom):
अनुलोम विलोम प्राणायाम है, जिसे विश्रांति और सुख के लिए किया जाता है। इसके अंतर्गत हम वायु की संचालना को समायोजित करते हैं, जो मन को शांत करता है और ध्यान की स्थिरता को बढ़ाता है। यह प्राणायाम हमारी स्मृति और मनोयोग्यता को बढ़ाने में भी मदद करता है।
शीर्षासन (Shirshasana):
शीर्षासन, जिसे "मस्तिष्क की स्थिति" के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार का सिर पर खड़ा होने का आसन है। इसका अभ्यास करने से हमारे शरीर के नीचे और उपरी भागों के रक्त प्रवाह में सुधार होता है, जिससे शरीर को ऊर्ध्वगामी शक्ति प्राप्त होती है। यह आसन मन को स्थिर करता है और अधिक ब्रह्मा चेतना की ओर प्रेरित करता है।
वक्रासन (Vakrasana):
वक्रासन एक पारिश्रमिक और मोड़नेवाला आसन है जिसे करने से हम अपनी पाचन तंत्र को सुधार सकते हैं। इसका अभ्यास करने से हमारी कमर, पेट, और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाया जाता है और हमें शारीरिक संतुलन और सुचेतता प्रदान होती है।
भुजंगासन (Bhujangasana):
यह आसन सर्वांगासन श्रृंग और कंडलिनी शक्ति को जागृत करने में मदद करता है। स्थिति: पेट के बल लेटें, हाथों को शरीर के बगल में रखें, और शरीर को उठाएं। ध्यान रखें कि नीचे के भाग भूमि से संपर्क में रहें।
मद्रासन (Madrasana):
यह आसन पूर्ण ध्यान और मेडिटेशन के लिए उपयुक्त है। स्थिति: सम्पूर्ण वज्रासन के साथ अपने हाथों को उँचा करें और मस्तिष्क पर ध्यान केंद्रित करें।
मत्स्यासन (Matsyasana):
यह आसन पीठ और ग्रीवा की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। स्थिति: पीठ पर लेटें, हाथों को शरीर के नीचे रखें और शरीर को पीछे की ओर धकेलें। मस्तिष्क को ध्यान केंद्रित करें और सांस लें।
योग के साथ ध्यान
योग दिवस पर योग क्रियाओं के अलावा, योगासनों के अतिरिक्त योग ध्यान, मंत्र जप, और प्राणायाम जैसी अन्य योगिक प्रक्रियाओं के महत्व को भी मान्यता दी जाती है। इन अभ्यासों को समय-समय पर अपनी रोज़मर्रा का हिस्सा बनाने से हम अपने जीवन को स्वस्थ, शांत, और उच्च स्थान पर रख सकते हैं।
योग दिवस पर योग क्रियाओं के अभ्यास का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके माध्यम से हम युवाओं को योग के लाभों के बारे में जागरूक कर सकते हैं और उन्हें स्वस्थ, सक्रिय, और स्थिर जीवन जीने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। योग हमें स्वतंत्र रूप से अपने स्वास्थ्य और अच्छे जीवन का ध्यान रखने की क्षमता प्रदान करता है। इसलिए, हमें योग के अभ्यास को अपने दैनिक जीवन में समाहित करना चाहिए और इसे एक नियमित अभ्यास बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
योग दिवस पर योग क्रियाओं के जरिए हम अपने शरीर, मन, और आत्मा की समृद्धि को प्राप्त कर सकते हैं। यह विशेष अवसर है जब हम युवाओं को योग के महत्व को समझाकर उन्हें एक स्वस्थ और बलशाली जीवन की ओर प्रेरित कर सकते हैं। योग का अभ्यास हमारे जीवन को समृद्ध, शांत, और आनंदमय बना सकता है। इसलिए, योग के महत्व को समझने और अपने जीवन में इसे सम्मिलित करने का विचार हमें युवा दिवस पर योग दिवस में मजबूती और प्रगति की ओर ले जा सकता है।
योगाभ्यास के लिए उचित समय
योगासनों का समय: योगासनों को सबसे अच्छे परिणामों के लिए नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए। इनका अभ्यास सुबह के समय खाली पेट या शाम के समय, भोजन के दो घंटे बाद किया जाता है। योग क्रियाओं को ताजगी और शांति के साथ करने के लिए सुबह के समय प्राथमिकता दी जाती है, जब वातावरण स्वच्छ और शांतिपूर्ण होता है।
योगासनों की प्रक्रिया: योगासनों की प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण चरण होते हैं। यहां इन चरणों को विस्तार से समझाया गया है:
शरीर की तैयारी: योगासनों के अभ्यास से पहले, शरीर को संगठित करने के लिए व्यायाम या सूक्ष्म प्रायाम की प्रक्रिया करें। यह शरीर को गर्म करने और संयमित श्वास लेने में मदद करता है।
स्थिरता और समर्पण: योगासन करते समय स्थिरता और समर्पण बनाए रखें। ध्यान और श्वास के साथ अपने शरीर को धारण करें और मन को शांत रखें।
नियमित श्वास: प्रत्येक योगासन के दौरान नियमित और गहरी श्वास लें। श्वास द्वारा आत्मा को शांति और शरीर को ऊर्जा मिलती है।
सहानुभूति और सीमा: योग के अभ्यास में खुद के साथ सहानुभूति और समझदारी बनाए रखें। अपनी शरीर की सीमाओं को जानें और उन्हें समझें। आपके शरीर की सीमाओं के अनुरूप ही आसन करें, अधिकता या दबाव न बनाएं।
बीमारियों के हिसाब से योगा और प्राणायाम
जैसे थायराइड, ब्लड प्रेशर (उच्च या निम्न), ज्वाइंट पेन, मोटापा, माइग्रेन, टीबी (ट्यूबर्कुलोसिस) और कैंसर। नीचे दिए गए हैं कुछ योग और प्राणायाम के उदाहरण जो इन बीमारियों को सम्बोधित कर सकते हैं: यहां विभिन्न योग और संस्थानों के हिसाब से भिन्न हो सकते हैं
थायराइड के लिए:
- सर्वांगासन (Shoulder Stand)
- हलासन (Plow Pose)
- मत्स्यासन (Fish Pose)
- उष्ट्रासन (Camel Pose)
- पूर्वोत्तानासन (Forward Bend Pose)
- उज्जायी प्राणायाम (Victorious Breath)
ब्लड प्रेशर के लिए:
- शवासन (Corpse Pose)
- वीपरीत करणी मुद्रा (Viparita Karani Mudra)
- अनुलोम विलोम प्राणायाम (Alternate Nostril Breathing)
- ब्रह्मरी प्राणायाम (Bee Breath)
ज्वाइंट पेन के लिए:
- वक्रासन (Twist Pose)
- शलभासन (Locust Pose)
- वीरभद्रासन (Warrior Pose)
- सुप्त वीरासन (Supine Hero Pose)
- कपालभाति प्राणायाम (Skull Shining Breath)
मोटापा के लिए:
- सूर्य सलाम्ब स्थिति (Sun Salutation)
- पश्चिमोत्तानासन (Seated Forward Bend)
- नौकासन (Boat Pose)
- भुजंगासन (Cobra Pose)
- उष्ट्रासन (Camel Pose)
माइग्रेन के लिए:
- शवासन (Corpse Pose)
- शीतली प्राणायाम (Cooling Breath)
- आदि शष्टांग नमस्कार (Eight-Limbed Salutation)
- नाडी शोधन प्राणायाम (Channel Cleansing Breath)
टीबी के लिए:
- भस्त्रिका प्राणायाम (Bellows Breath)
- ऊष्ण क्रियाएं (Heating Practices)
- योग निद्रा (Yoga Nidra)
- ध्यान (Meditation)
कैंसर के लिए:
- अनुलोम विलोम प्राणायाम (Alternate Nostril Breathing)
- सूर्य नमस्कार (Sun Salutation)
- भ्रामरी प्राणायाम (Bee Breath)
- मंत्र जाप (Mantra Chanting)
- प्रार्थना और ध्यान (Prayer and Meditation)
योग और प्राणायाम एक संस्थापित प्राणिक औषधि पद्धति हैं
संस्था जो योगाभ्यास कराती हैं और सिखाती हैं
यदि आप अधिक जानकारी चाहते हैं, तो आप योग के प्रमुख संस्थानों, गुरुओं, या योग शिक्षकों से संपर्क करके अधिक जान सकते हैं।
योगासनों का अभ्यास समय-समय पर नियमित रूप से करने के साथ, ध्यान और समर्पण के साथ किया जाना चाहिए। इससे हम शरीर, मन, और आत्मा के साथ संपर्क करते हैं और स्वास्थ्य, शांति, और आनंद को प्राप्त कर सकते हैं।
निम्नलिखित संस्थानें दुनिया भर में योगाभ्यास का प्रशिक्षण और कार्यक्रम संचालित करती हैं:
रामामण महर्षि योगाश्रम, भारत:
इस संस्थान में हजारों योगी और साधक योगाभ्यास करते हैं और योगाचार्यों से मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं। वेबसाइट: https://www.ramamaniiyengar.org/
आरोग्यधाम, भारत:
यह भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद द्वारा स्थापित किया गया है और यहां योग, आहार, प्राणायाम, और मेडिटेशन सहित विभिन्न हृदयरोगों के लिए आरामदायक चिकित्सा कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। वेबसाइट: https://www.artofliving.org/in-en/ayush-gram
बीजा वांदा, भारत:
यह योग और आध्यात्मिकता केंद्र है जहां विभिन्न योगाभ्यास, ध्यान और तत्त्वज्ञान कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वेबसाइट: http://www.bijawanda.org/
कृष्णमचारीयो योगामण्डलम्, भारत:
इस संस्थान में अनुभवी योग गुरु शिक्षाएं देते हैं और विभिन्न योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वेबसाइट: http://www.kym.org/
अय्याप्पा आश्रम, भारत:
इस आश्रम में योग, मेडिटेशन, प्राणायाम, और आध्यात्मिक अभ्यास के लिए कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। वेबसाइट: http://www.ayyappaashram.com/
आर्य योगाश्रम, भारत:
इस योगाश्रम में योग, प्राणायाम, मेडिटेशन, और ध्यान के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वेबसाइट: https://www.aryayogaashram.org/
पतंजलि योगपीठ हरिद्वार भारत
पतंजलि योगपीठ या पतंजलि योग संस्थान परंपरागत रूप से योग शिक्षा और अभ्यास को संचालित करने का कार्य करता है। पतंजलि योग सूत्रों के आधार पर योग के सिद्धांतों, आसनों, प्राणायाम, मुद्राओं, ध्यान और अन्य योगिक अभ्यासों का अध्ययन और प्रशिक्षण किया जाता है। पतंजलि योगपीठ विभिन्न स्थानों पर शाखाओं और केंद्रों का प्रबंधन करता है, जहां योग अभ्यास के लिए प्रशिक्षण, योग कोर्स, कार्यशालाएं, और संगोष्ठियां आयोजित की जाती हैं।
पतंजलि योगपीठ की स्थापना आचार्य बालकृष्ण और स्वामी रामदेव द्वारा की गई है, जो योग और आयुर्वेद के माध्यम से आरोग्य और स्वास्थ्य को प्रशस्त करने का प्रयास करते हैं। पतंजलि योगपीठ की शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में योग के सभी पहलुओं को सम्मिलित किया जाता है और विद्यार्थियों को योग के तत्वों, विभिन्न आसनों, प्राणायाम, ध्यान, मन्त्रजाप, और योगिक जीवनशैली के बारे में संपूर्ण ज्ञान प्रदान किया जाता है।
पतंजलि योगपीठ की वेबसाइट पर आप उनके योग कार्यक्रम, प्रशिक्षण शिविर, संगोष्ठियों और उनकी सेवाओं के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वेबसाइट: https://www.divyayoga.com/
ये कुछ उदाहरण हैं जो योग के शिक्षा और अभ्यास का केंद्र हैं। यहां जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको उनकी वेबसाइट पर जाना चाहिए और उनसे संपर्क करना चाहिए क्योंकि यहां परिवर्तन के साथ संचालन कार्यक्रम की जानकारी बदल सकती है।
योग दिवस के महत्वपूर्ण आयोजन
A. संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम: मुख्य कार्यक्रम: संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा योग दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें योग अभ्यास, ध्यान, संवाद, संगोष्ठी और विभिन्न योगिक गतिविधियां शामिल होती हैं।
संयुक्त राष्ट्र के योग दूत: संयुक्त राष्ट्र ने योग दूतों की नियुक्ति की है जो योग के महत्व और लाभों को जनता तक पहुंचाने का कार्य करते हैं।
B. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रम:
शिविर और कार्यशाला: योग दिवस पर विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग शिविर और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं जहां लोग योग के तरीकों को सीखते हैं और अभ्यास करते हैं।
सार्वजनिक प्रदर्शन: योग दिवस के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर सार्वजनिक प्रदर्शन और योग गतिविधियां आयोजित की जाती हैं जिनमें लोग भाग लेते हैं और योग का महत्व साझा करते हैं
योग और ध्यान के पाठ्यक्रम की अवधि और प्रशिक्षण की संस्थाओं का चयन व्यक्तिगत प्राथमिकताओं और आपके स्थान के आधार पर भिन्न हो सकता है। यहां कुछ लोकप्रिय संस्थानों के नाम दिए जाते हैं जो योग और ध्यान के पाठ्यक्रम कराती हैं:
आईयेंगर योग संस्थान, पुणे: आईयेंगर योग संस्थान पुणे में स्थित है और प्रमुख योग संस्थानों में से एक माना जाता है। यहां प्रमाणित योग अध्यापक द्वारा ध्यान, आसन, प्राणायाम और योग के अन्य पहलुओं पर पाठ्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
आईयेंगर योग संस्थान, पुणे
वेबसाइट: https://www.kpjayi.org/
संपर्क नंबर: +91-20-24381330
रामामणा महर्षि आश्रम, बेंगलुरु: रामामणा महर्षि आश्रम बेंगलुरु में स्थित है और योग, ध्यान और आध्यात्मिक अध्ययन पाठ्यक्रमों का आयोजन करता है। यहां विभिन्न योग अभ्यास, माध्यमिक ध्यान और साधना, विचार सहयोग और स्वाध्याय जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं।
रामामणा महर्षि आश्रम, बेंगलुरु
वेबसाइट: https://www.ramamaniiyengar.org/
संपर्क नंबर: +91-80-23348371
वाइयासिया योग संस्थान, रिशिकेश: वाइयासिया योग संस्थान रिशिकेश, उत्तराखंड में स्थित है और विभिन्न योग और ध्यान पाठ्यक्रमों का आयोजन करता है। यहां आपको योगासन, प्राणायाम, मंत्र जाप, ध्यान और योग के तत्वों के बारे में शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त हो सकता है।
वाइयासिया योग संस्थान, रिशिकेश
वेबसाइट: https://www.vinyasayogaacademy.com/
संपर्क नंबर: +91-9557016661
आर्य योग मंदिर, राजकोट: आर्य योग मंदिर गुजरात के राजकोट शहर में स्थित है और योग, ध्यान और स्वास्थ्य से संबंधित पाठ्यक्रम आयोजित करता है। यहां आपको विभिन्न योग प्राक्रियाओं, आसनों, प्राणायाम तकनीकों और ध्यान की शिक्षा प्राप्त हो सकती
आर्य योग मंदिर, राजकोट
वेबसाइट: http://www.aryayogamandir.org/
संपर्क नंबर: +91-281-2585845
योग और ध्यान के पाठ्यक्रम की अवधि और प्रशिक्षण संस्थाओं का चयन व्यक्तिगत प्राथमिकताओं और आपके स्थान के आधार पर भिन्न हो सकता है।
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