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प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) हर एक मां का सपना होता है हर एक औरत (women) को मां बनना प्रकृति का बहुत बड़ा वरदान है लेकिन इस सुख को पाने के लिए महिलाओं को बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है गर्भावस्था के दौरान और बाद में महिलाओं को शारीरिक
और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है कुछ कुछ आयुर्वेदिक उपाय हैं इनके द्वारा हम इन समस्याओं को कुछ हद तक कम कर सकते हैं ! प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में बहुत सारे बदलाव होते हैं यह बदलाव कुछ हारमोंस और कुछ खानपान के कारण होते हैं
Symptoms pregnancy in hindi ( प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण)
प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण (pregnancy in hindi) इस blog मे जानते है!
1.पीरियड मिस होना (माहवारी अनियमितता)
2. थकान महसूस होना 3 चक्कर आना जी मिचलाना 4 सिर दर्द सिर भारी होना 5 बार- बार पेशाब आना 6. कुछ महिलाओं में एक पैर में दर्द होना 7. पेट खराब होना 8.मूड स्विंग होना 9.हल्का रक्त स्राव ब्लीडिंग होना 10 .ब्रेस्ट और निप्पल में दर्द होना और निप्पल का रंग बदलना!
पीरियड मिस होने या नहीं आना एक बहुत बड़ा संकेत है इससे आप पता कर सकते हैं कि आप प्रेग्नेंट है या नहीं ! कभी-कभी अन्य बीमारियों में भी पीरियड रुक जाते हैं इसके लिए आप टेस्ट यूपीटी(urine pregnancy test)करा सकते हैं या अपनी डॉक्टर से मिल सकते हैं
थकान होना कमजोरी लगना
प्रेगनेंसी का एक लक्षण यह भी है इसमें गर्भवती महिलाओं को अक्सर थकान बनी रहती है यह थकान सुबह और शाम में ज्यादा रहती है इसका मुख्य कारण आयरन प्रोटीन और कैल्शियम भी होता है प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को सामान्य से अधिक प्रोटीन आयरन कैल्शियम मिनरल्स खनिज की आवश्यकता होती है क्योंकि जो भी खाद्य पदार्थ महिला लेती है उनसे मिलने वाली ऊर्जा का कुछ हिस्सा या कहे तो आधा भाग शरीर में पल रहे नवजात शिशु के लिए चला जाता है जिससे कि नवजात शिशु की वृद्धि होती है इसी कारण महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान थकान कमजोरी महसूस होती है
सिर दर्द और भारीपन -
इस स्थिति में सिर में दर्द रहता है और सिर में भारीपन रहता है हल्का हल्का दर्द हमेशा बना रहता है सिर दर्द और भारीपन का कारण होता है प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में अनेक हारमोंस में बदलाव शारीरिक बदलाव इस तरह की गतिविधियां चलती है उनके चलते सिर में दर्द भारीपन रह सकता है
बार-बार पेशाब आना
इस स्थिति में गर्भवती महिला को बार-बार पेशाब आता है इसका कारण हारमोंस मैं बदलाव होता है इसमें एचसीजी(HCG) हारमोंस का लेवल बढ़ जाता है और किडनी में खून का प्रवाह अधिक होता है इस कारण बार- बार पेशाब जाना पड़ता है इस दौरान अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना यह भी एक कारण है
एक पैर में दर्द होना
कुछ गर्भवती प्रेग्नेंट महिलाओं के अनुसार उनके एक पैर में दर्द होता है उन महिलाओं के अनुसार जब वह गर्भवती थी उनके एक पैर में दर्द होता था! इसका कारण प्रेग्नेंसी के समय गर्भाशय के बढ़ने के कारण हृदय से पैरों तक का रक्त संचार करने वाली नसों पर दबाव पड़ता है इस कारण रक्त का प्रवाह बाधित होता है और पैरों में दर्द महसूस होता है इसी वजह से पैरों में सूजन भी आ जाती है!
पेट खराब होना
आपका पेट खराब हो रहा है या गैस बन रही है तो यह भी एक संकेत है कि आप प्रेग्नेंट है प्रेगनेंसी के दौरान हार्मोनल बदलाव और खानपान सही से ना हो पाना इसका एक कारण है
ब्रेस्ट और निप्पल में दर्द होना
ब्रेस्ट को निप्पल में दर्द महसूस होना यह भी एक लक्षण है प्रेगनेंसी या प्रेग्नेंट होने का, गर्भावस्था के समय गर्भवती महिला के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है जो कि स्तनों में दर्द होने का क्या कारण होता है दूध की ग्रंथियों में दूध की नालियों की संख्या बढ़ने लगती है!
हल्का रक्त स्राव होना
गायनोकोलॉजिस्ट या महिला डॉक्टर के अनुसार आईवीएफ प्रेगनेंसी का लक्षण होता है इसमें आप के गर्भाशय में जमा खराब ब्लड बाहर निकलता है इसके कारण धीरे-धीरे वीडियो होती रहती है इसे ब्राउन डिसचार्ज भी कहा जाता है
प्रेग्नेंट फोटो(Pregnancy photo)
गर्भधारण की पहली जांच (pregnancy cheakup kit)
किसी महिला को ऊपर दिए गए 9 लक्ष्मण में से कोई भी लक्ष्मण दिखता है या महिला को लगता है कि वह प्रेग्नेंट हो सकती है तो प्राइमरी यूपीटी(urine pregnancy test) प्रेगनेंसी टेस्ट करा सकते हैं या आप घर पर ही कर सकते हैं यह टेस्ट यूरिन sample से होता है
1. इसके लिए सबसे अच्छा सुबह का पहला यूरिन sample होता है क्यों की रात भर जो यूरिन आप के ब्लेडर मे जमा होता है उस मे HCG हर्मोन की मात्रा अधिक होती है upt कार्ड hcg को ही read करता है
2. अगर आप टेस्ट घर पर कर रहे हैं तो आपको यह जानना जरूरी है कि पहले आप एक अच्छी क्वालिटी का( pregnancy cheakup kit ) टेस्ट कार्ड ले कर आए!
3. अब आप इस कार्ड को खोलें इस पैकेट में एक कार्ड और एक ड्रोपर् होगा ! अब आप ड्रोपर् की मदद से सुबह लिए हुआ यूरिन के सैंपल से कार्ड के होते वाले छेद में दो से तीन बूंद यूरिन की डालें!
4. अब आप कार्ड को 5 मिनट के लिए छोड़ दें ,फिर देखें कि कार्ड में 2 मार्क होते हैं C आर T सी कंट्रोल और टी टेस्ट!
5. अब देखे कार्ड पर पिंक लाइन कहां पर दिखाई देती है अगर लाइन केवल सी C पर आती है तो टेस्ट नेगेटिव होता है और यदि लाइन C & T दोनों पर दिखाई देती है तो यह टेस्ट पॉजिटिव होता हैं कभी-कभी पिंक लाइन केवल T पर दिखे तो यह टेस्ट फाल्स या गलत होता है आप कुछ समय बाद अपना टेस्ट फिर से रिपीट करें. किसी किसी कार्ड में यह लाइन ब्लू भी आती है
6. कभी-कभी t-test वाली लाइन हल्की गुलाबी होती है यह बहुत लाइट होती है इसके लिए आप टेस्ट को 1 सप्ताह बाद फिर से कर सकते हैं या डॉक्टर से संपर्क करें !
Pregnancy care and tips in hindi ( गर्भावस्था में देखभाल)
जैसे ही आपको पता चले आप प्रेग्नेंट है तुरंत ही डॉक्टर से मिले (स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ)
नियमित चेकअप कराएं !
पोस्टिक आहार ले !
हल्का व्यायाम करें डॉक्टर से सलाह लेकर !
ब्लड टेस्ट कराएं !
आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड, लेते रहे!
किसी तरह का नशा ना करें ,शराब, सिगरेट ,तंबाकू आदि !
भारी काम ना करें !
पर्याप्त नींद ले !
भोजन में तरल पदार्थ की मात्रा ज्यादा रखें !
खाने में (तीखा ) मिर्च ,नमक ,खट्टा, कम से कम ले !
फल वा फलों का जूस ज्यादा ले !
अपने नजदीकी आशा कार्यकर्ताओं से संपर्क करें !
पेट के बल ना लेटे!
साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें!
प्रेगनेंसी में डाइट चार्ट क्या होना चाहिए (pregnancy diet chart in hindi)
प्रेगनेंसी गर्भावस्था के दौरान लिए गए आहार से मां के साथ-साथ कोख में पल रहे नन्हे बच्चे का मानसिक व शारीरिक विकास भी होता है इसलिए अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन कैल्शियम आयरन डीएचएल जिंक मिनरल्स आदि पोषक तत्व शामिल करें उचित शामिल करें! (Pregnancy diet chart) मे सभी जरूरी पोषक तत्व शामिल हो!
CBP- इस टेस्ट से यह पता चलता है कि पेशेंट के शरीर में कितना हीमोग्लोबिन है वाइट ब्लड सेल(WBC) की संख्या कितनी हैRBCs रेड ब्लड सेल्स की संख्या कितनी है पेशेंट के शरीर में प्लेटलेट की संख्या कितनी है डिफरेंट टाइप ऑफ सेल्स कितने पर्सेंट है !
ब्लड ग्रुप ब्लड ग्रुप कौन सा है "A" B" AB" या "O" पॉजिटिव और नेगेटिव !
ब्लड शुगर - गर्भवती महिला का ब्लड शुगर लेवल कितना है यह जानना बहुत जरूरी है !
HIV - प्रेगनेंसी के दौरान यह जानना बहुत जरूरी है कि पेशेंट एचआईवी संक्रमित तो नहीं यह जानना मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत जरूरी है ! इस टेस्ट की सहायता से डिलीवरी कराने वाले डॉक्टर नर्स और सभी स्टाफ को ध्यानपूर्वक डिलीवरी करानी होती है और कोशिश की जाती है की नवजात शिशु को संक्रमण से बचाया जा सके
HbsAg- ये टेस्ट हेपेटाइटिस बी वायरस की पुष्टि करता है गर्भवती महिला हेपेटाइटिस से संक्रमण तो नहीं!
वीडीआरएल टेस्ट (VDRL) - यह टेस्ट यौन संक्रमित रोग की जांच के लिए किया जाता है ! इस टेस्ट को शिपलिस् भी कहते हैं
यूरिन टेस्ट - यूरिन रूटीन एंड माइक्रोस्कोपिक टेस्ट में यूरिन में उपस्थित आरबीसी डब्ल्यूबीसी pus cells EP cells बैक्टीरिया और अन्य माइक्रोस्कोपिक आर्गनिज्म कहां पता करते हैं और फिजिकल यूरिन टेस्ट में शुगर एल्बुमिन कीटोन यूरीन पीएच आदि का पता किया जात है
Full form of VDRL test ( फुल फॉर्म ऑफ़ वीडीआरएल टेस्ट )
VDRL -Venereal disease research laboratory
नोट - यह लेख मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया गया है केवल जानकारी के लिए लिखा गया है आप अपनी समस्या के लिए या प्रेगनेंसी के लिएअपने डॉक्टर से संपर्क करें
FAQs
Symptoms of pregnancy in hindi
सिम्टम्स ऑफ प्रेग्नैंसी गर्भावस्था के लक्षण 1 . पीरियड मिस होने 2.जी घबराना 3.जी मिचलाना उल्टी आना 4.थकान महसूस होना 5.भूख कम लगना 6.हाथ पैर दर्द 7 बार बार बाथरूम जाना 8.सिर भारी रहना 9.पेट खराब होना गैस बनना 10. खट्टी डकार आना
Diet chart in pregnancy in Hindi ?
गर्भावस्था के दौरान खाने में ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ शामिल करें ! 2.पौष्टिक आहार ले 3.हरी पत्तेदार सब्जियां सलाद गाजर मूली टमाटर बींस शामिल करें 4. ताजे फल व फलों का जूस डाइट में शामिल करें ! 5. आयरन कैल्शियम मिनरल और विटामिन युक्त आहार diet में शामिल करें
Pregnancy मे सावधानियां ?
भारी वजन वाला काम ना करें! समय पर चेकअप कराते रहें ! बेड रेस्ट करें ! अपने आशा कार्यकर्ता के संपर्क में रहें ,नियमित तौर से cheakup चेकअप कराये ! अपने डॉ. के संपर्क मे रहे!
डार्क चॉकलेट का ऐतिहासिक महत्व डार्क चॉकलेट का इतिहास हजारों साल पुराना है। इसे सबसे पहले माया और एज़टेक सभ्यताओं ने खोजा था। प्राचीन समय में कोकोआ बीन्स को "देवताओं का भोजन" कहा जाता था। माया सभ्यता में इसे अनुष्ठानों और धार्मिक आयोजनों का हिस्सा माना जाता था। एज़टेक लोग कोकोआ को मुद्रा के रूप में भी उपयोग करते थे। जब यूरोपीय लोगों ने कोकोआ की खोज की, तो उन्होंने इसे मीठा बनाकर दुनिया भर में लोकप्रिय बना दिया। 19वीं शताब्दी में डार्क चॉकलेट का उत्पादन व औद्योगिक रूप से शुरू हुआ, और यह एक प्रीमियम खाद्य उत्पाद बन गया। डार्क चॉकलेट का उत्पादन और प्रक्रिया डार्क चॉकलेट बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल होती है, जिसमें कोकोआ बीन्स को कई चरणों से गुजरना पड़ता है। कोकोआ की खेती: कोकोआ के पेड़ मुख्यतः उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों जैसे अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया में उगाए जाते हैं। कोकोआ बीन्स को फलों के भीतर पाया जाता है, जिन्हें मैन्युअल रूप से निकाला जाता है। फर्मेंटेशन: बीन्स को किण्वन (फर्मेंटेशन) के लिए रखा जाता है। यह प्रक्रिया उनके स्वाद को गहराई प्रदान करती है। ...
हार्ट अटैक के लक्षण, कारण, और निवारण: रासायनिक उत्पादों का योगदान और जैविक समाधान दिल का दौरा (हार्ट अटैक) एक ऐसी गंभीर स्थिति है जो किसी भी व्यक्ति के जीवन को क्षणभर में बदल सकती है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्तर पर भी गहरा प्रभाव डालता है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में, हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं—खासकर हमारी बदलती जीवनशैली और रासायनिक युक्त उत्पादों का अत्यधिक उपयोग। इस लेख में, हम हार्ट अटैक के लक्षण (heart attack ke lakshan), इसके लिए जिम्मेदार कारणों (विशेष रूप से रासायनिक उत्पाद), समाधान, और जैविक उत्पादों (organic products) के महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे। यह लेख आपको नई, आकर्षक, और कम जानी जाने वाली जानकारियों से भरपूर एक अनोखा अनुभव देगा, जो आपको अंत तक पढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। सूची (Table of Contents) 1. परिचय 2. [दिल का दौरा क्या है? 3. [हार्ट अटैक के लक्षण - [सामान्य लक्षण] - [महिलाओं में विशेष लक्षण] - [कम जानी जाने वाली चेतावनिया...
Weight-loss Drugs: A Boon to Health or a Cause for Concern? In recent years, weight-loss medications like Ozempic, Wegovy, and Mounjaro have made headlines for their ability to transform not only waistlines but also overall health. While initially developed for managing type 2 diabetes, these drugs quickly gained popularity when weight loss was identified as a significant side effect. However, as their use becomes widespread, researchers are uncovering both promising health benefits and potential risks. The Comprehensive Impact on Health A groundbreaking study involving two million individuals provides a holistic view of how these drugs impact the human body. The findings, published in Nature Medicine, reveal that beyond aiding weight loss, these medications offer surprising benefits: 1. Cardiovascular Health: Users experienced lower rates of heart attacks, strokes, and high blood pressure. These improvements are attributed not only to weight reduction but also to the direct effec...
Table of Contents (विषय-सूची) परिचय फर्मेंटेशन क्या है? आंतों के लिए फर्मेंटिड फूड क्यों जरूरी हैं? रोज़ खाने लायक 5 फर्मेंटिड फूड दही किमची केफिर सॉअरक्राउट मिसो फर्मेंटिड फूड्स के फायदे अक्सर पूछे जाने वाले सवाल निष्कर्ष. 1. परिचय आपकी आंतों का स्वास्थ्य आपके पूरे शरीर के स्वास्थ्य का आईना है। आंतों में बैक्टीरिया का एक पूरा बायोम (Gut Microbiome) मौजूद होता है, जो आपके पाचन, प्रतिरक्षा प्रणाली और यहां तक कि मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। अगर आप अपनी आंतों को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो फर्मेंटिड फूड्स आपके लिए एक आश्चर्यजनक उपाय हैं। ये खाद्य पदार्थ आपके शरीर में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाते हैं, जिससे आपकी गट हेल्थ बेहतर होती है। आइए जानते हैं कि ये फूड्स कौन-कौन से हैं और उनके क्या फायदे हैं। 2. फर्मेंटेशन क्या है? फर्मेंटेशन एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें खाद्य पदार्थों में मौजूद बैक्टीरिया या यीस्ट के द्वारा कार्बोहाइड्रेट को अल्कोहल या ऑर्गैनिक एसिड में बदल दिया जाता है। यह प्रक्रिया न केवल खाद्य पदार्थों का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि उन्हें और भी...
विषय-सूची (Table of Content) 1. परिचय (Introduction) 2. खुजली क्या है? (What is Itching?) 3. खुजली के प्रमुख कारण (Main Causes of Itching) 4. घरेलू उपचार: खुजली की दवा के रूप में (Home Remedies as Khujali Ki Dava) 5. दाद, खाज, और गुप्त अंगों की खुजली का इलाज (Dad, Khaj, aur Gupt Angon Ki Khujali Ka Ilaj) 6. मेडिकल ट्रीटमेंट: कब डॉक्टर से संपर्क करें? (When to Opt for Medical Treatment?) 7. खुजली से बचाव के टिप्स (Prevention Tips for Itching) 8. निष्कर्ष (Conclusion) 9. अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs) 1. परिचय (Introduction) खुजली या "खाज" एक ऐसी समस्या है जो किसी को भी, कभी भी परेशान कर सकती है। चाहे शरीर का कोई दिखने वाला हिस्सा हो या गुप्त अंग (Gupt Angon Ki Khujali), खुजली न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी असहज बना देती है। कई बार यह एलर्जी, त्वचा रोग, या संक्रमण के कारण होती है, तो कभी गलत लाइफस्टाइल की वजह से। इस लेख में, हम खुजली की दवा (Khujali Ki Dava), दाद-खाज की समस...
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