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चिकित्सा क्षेत्र में कमीशन प्रणाली: मरीजों की जेब पर भारी पड़ता डॉक्टर-लैब गठजोड़

डबल मार्कर टेस्ट (Double marker test)


डबल मार्कर टेस्ट Double marker test in pregnancy

डबल मार्कर टेस्ट एक ऐसा ब्लड टेस्ट है, इस टेस्ट में मां के ब्लड से प्रेग्नैंसी के दो हार्मोन की मात्रा चेक की जाती है इस टेस्ट के आधार पर यह देखा जाता है कि मां के गर्भ में पल रहे बच्चे को डाउन सिंड्रोम या जन्मजात अनुवांशिक समस्याओं को देखने के लिए पहली तिमाही के दौरान 9 से 13 सप्ताह मे किया जाता है

अनुवांशिक रोग -  कुछ ऐसी बीमारियां जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर होती है वह अनुवांशिक लोग कहलाते हैं जैसे शुगर ,चर्म रोग ,थैलेसीमिया ,कुछ ब्लड रोग मंदबद्धि, अपंगता , आदि कुछ उदाहरण है

डाउन सिंड्रोम

डाउन सिंड्रोम एक जेनेटिक अनुवांशिक समस्या होती है जोकि गुणसूत्र या क्रोमोजोम के नंबर की गड़बड़ी से होती है हम सब में 46 क्रोमोसोम होते हैं जोकि 23 23 माता पिता के क्रोमोसोम होते हैं इनमें से क्रोमोजोम या गुणसूत्र नंबर 21 में गड़बड़ी के कारण होती है इस कारण इसे  ट्राईसामी-2 भी कहा जाता है यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर है 

डबल मार्कर टेस्ट क्यों किया जाता है

    Double Marker test ( डबल मार्कर टेस्ट ) को करने का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि गर्भ में पल रहे नवजात शिशु को डाउन सिंड्रोम का खतरा तो नहीं है बच्चे में कोई मानसिक या शारीरिक विकलांगता को पहचानने के लिए डॉक्टर यह टेस्ट गर्भवती महिलाओं का कराते हैं क्योंकि  क्योंकि जन्म के बाद  इस तरह के अनुवांशिक  रोग का इलाज कराने से कुछ हद तक फायदा मिल सकता है लेकिन यह जीवन भर कभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं होत 

    डबल मार्कर टेस्ट कैसे किया जाता है Double Marker test kaise kiya jata hai

    यह एक प्रेगनेंसी या गर्भावस्था के दौरान पहली तिमाही में 9 सप्ताह से 13 सप्ताह के बीच किए जाने वाला एक ब्लड टेस्ट है! टेस्ट के दौरान गर्भवती महिला का एक ब्लड का सैंपल लिया जाता है इस टेस्ट के लिए महिला को खाली पेट रहने की आवश्यकता नहीं है टेस्ट का सैंपल दिन में किसी भी समय खाने के पहले या बाद में ले सकते है double marker test के लिए जो चीजें या जो जानकारी जरूरी है वह होती है महिला की अभी की हुई सोनोग्राफी की रिपोर्ट लास्ट माहवारी की तारीख या लास्ट LMP डेट और महिला की उम्र, हाइट, वेट ( वजन) और महिला डॉक्टर गायनोकलॉजिस्ट के द्वारा लिखित जांच का पर्चा होना आवश्यक है! इससे पैथोलॉजिस्ट या ब्लड सैंपल लेने वाले स्टाफ को या तकनीशियन को जानकारी होना चाहिए की कौन सा टेस्ट करना है इस टेस्ट की रिपोर्ट 5 से 7 दिन में आती है! 

    डबल मार्कर टेस्ट किसे कराना चाहिए

    यह टेस्ट गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे नन्हे शिशु के स्वस्थ मानसिक एवं शारीरिक विकलांगता या कोई अनुवांशिक बीमारी के बारे में जानकारी करने के लिए किया जाता है वैसे तो यह टेस्ट डॉक्टर की सलाह से सभी गर्भवती महिलाएं करा सकती है लेकिन उन गर्भवती महिलाओं को यह टेस्ट डॉक्टर की सलाह से  जरूर कराना चाहिए    
    •  वह गर्भवती महिलाएं जिनकी उम्र 35 वर्ष या इससे अधिक है! 
    • वह गर्भवती महिलाएं (pregnant) जिनके परिवार में पहले से इस तरह की समस्या रही हो! 
    • यह वह महिलाएं जिन को प्रेगनेंसी के दौरान वायरल संक्रमण हुआ हो! 
    •  वह महिलाएं जोकि अधिक रेडिएशन के संपर्क में रही हो!

    डबल मार्कर टेस्ट नॉरमल रिपोर्ट  Double marker test normal report

    डबल मार्कर टेस्ट की नार्मल लिमिट  ! 
      25700 - 288000 miq/ ml 

    डबल मार्कर टेस्ट कितने का होता है Double marker test price 


    Double Marker test price ₹ 2500 - 3500


     डबल मार्कर टेस्ट की कीमत रेट यह आपकी लोकेशन किस शहर में है आपने कौन सा हॉस्पिटल चुना है या आप किस पैथोलॉजी लैब से टेस्टिंग करा रहे हैं इस पर निर्भर करता है यह टेस्ट अमूमन ₹ 2500 से ₹3500 तक हो जाता है इस टेस्ट के sample के लिए आप होम कलेक्शन भी करा सकते है

    डबल मार्कर टेस्ट पॉजिटिव आने पर क्या करें double marker test positive

     डबल मार्कर टेस्ट पॉजिटिव आने पर अपने डॉक्टर से सलाह लें ! 
    इस टेस्ट की संवेदनशीलता 60 से 70% होती है इस स्थिति में डॉक्टर कंफर्मेशन के लिए एमनियोसेंटेसिस टेस्ट या कोरियोनिक  जैसी प्रक्रिया का सुझाव दे सकते हैं 

    एमनियोसेंटेसिस टेस्ट - यह एक तरह का डायग्नोस्टिक टेस्ट है इस प्रक्रिया मे

    डॉक्टर प्रेग्नेंट महिला के गर्भ में से एमनियोसेंटेसिस तरल    (fluid ) का सैंपल लेते  है इस  कल रात में जो कि कुछ जीवित कोशिकाएं होती है इस सैंपल को लैब टेस्ट के लिए भेजा जाता है


    डबल मार्कर टेस्ट इमेज Double maker test image


    Double marker

    Double marker test image



    FAQs


      डबल मार्कर टेस्ट से क्या पता चलता है?

      डबल मार्कर टेस्ट हम यह पता लगा सकते हैं कि मां के गर्भ में पल रहे शिशु का मानसिक एवं शारीरिक विकास कैसा है वह किसी अनुवांशिक बीमारी से ग्रसित तो नहीं है

      डबल मार्कर टेस्ट कैसे होता है?

      डबल मार्कर टेस्ट भी सामान्य टेस्ट की तरह ब्लड सैंपल से होता है इसके लिए आपको खाली पेट रहने की जरूरत नहीं है यह test दिन में किसी भी समय किया जा सकता है

      डबल मार्कर टेस्ट कब होता है या टेस्ट कब कराते हैं

      डबल मार्कर टेस्ट गर्भावस्था के दौरान पहली तिमाही में 9 सप्ताह से 13 सप्ताह के बीच में करा जाता है

      डबल मार्कर टेस्ट कितने का होता है? Double marker test price

      ये टेस्ट आपकी हॉस्पिटल डॉक्टर क्लिनिक और पैथोलॉजी लैब पर डिपेंड करता है अधिकतर यह टेस्ट भारत में ₹2500 से ₹3500 तक हो जाता है

      डबल मार्कर टेस्ट की नार्मल रेंज

      डबल मार्कर टेस्ट की नार्मल लिमिट ! 25700 - 288000 miq/ ml

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