google.com, pub-5050673853034467, DIRECT, f08c47fec0942fa0 IUI TREATMENT ,(IUI )आईयूआई क्या है इसके फायदे कीमत और उपचार Skip to main content

Heart attack ke symptom

IUI TREATMENT ,(IUI )आईयूआई क्या है इसके फायदे कीमत और उपचार

IUI fullform in medical

 IUI  इंट्रायूटरिन इनसेमिनेशन

आईयूआई एक चिकित्सा प्रक्रिया है इस प्रक्रिया में निसंतान दंपति को मां बाप बनने का सुख प्राप्त हो सकता है 

Iui


आईयूआई क्या है 

    जो दंपति प्राकृतिक निषेचन से मां बाप नहीं बन पाते या इनको संतान प्राप्ति नहीं होती ,उनके लिए गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर या आईवीएफ स्पेशलिस्ट द्वारा महिला के गर्भाशय में पुरुष के शुक्राणु को डाला जाता है और भ्रूण तैयार किया जाता है महिला को गर्भवती बनाते हैं यह सारी प्रक्रिया को आईयूआई कहते हैं

    IUI  आईयूआई की प्रक्रिया , IUI treatment in hindi

    I  जब भी दंपति संतान प्राप्ति के लिए डॉक्टर के यहां पहले विजिट करते हैं तब डॉक्टर पति पत्नी की सारी जानकारी लेते हैं जैसे महिला LMP Date लास्ट माहवारी कब आई थी महिला के पीरियड टाइम पर आते हैं या आगे पीछे इससे पहले कभी प्रेग्नेंट हुए या नहीं शादी को कितना टाइम हो गया , किसी तरह का कोई नशा कोई बीमारी जैसे टीवी एचआईवी हेपेटाइटिस बच्चेदानी का कोई ऑपरेशन या किसी बीमारी का परिवारिक इतिहास जानकारी आदि और फिजिकल चेकअप किया जाता है

    II डॉक्टर दोनों हस्बैंड वाइफ या पाटनर जी पार्टनर की कुछ जाति करवाते हैं किससे नेक्स्ट प्रक्रिया क्या होगी यह डॉक्टर की रिपोर्ट पर निर्भर करता है इसमें महिला की कुछ जरूरी जांचें कराई जाती है जैसे कि सीबीसी(CBC) ब्लड ग्रुप (Blood group)शुगर(sugar) थायराइड (thyroid) एचआईवी (HIV)हेपेटाइटिस HbsAg, वीडीआरएल(VDRL)एल एच(LH ) FSH प्रोलेक्टिन (PRL.)और सोनोग्राफी में टीवीएस (TVS )एचएसजी (HSG) 

    III. HSG 

    HSG यह एक प्रकार का एक्सरे होता है यह टेस्ट आईयूआई मैं मुख्य भूमिका निभाता है इस एक्स-रे डॉक्टर यह देखते हैं की महिला की फैलोपियन ट्यूब( यह दो नलिया होती है जिनके माध्यम से पुरुष के शुक्राणु महिला की बच्चेदानी तक पहुंचकर अंडे से मिलते हैं) बंद है या खुली है या एक बंद है या खुली है आईयूआई के लिए कम से कम एक ट्यूब का खुला होना बहुत जरूरी है तभी IUI प्रक्रिया संभव है  एचएसजी टेस्ट महिला के माहवारी के 8-10 वे दिन किया जाता है इसमें डॉक्टर के द्वारा महिला की फैलोपियन ट्यूब में एक तरल पदार्थ डाला जाता है जिसको डाई कहते हैं यह डाई वहां जाकर रुक जाती है जहां पर ब्लॉकेज या ट्यूब ब्लॉक होती है और जो नली खुली होती है उसमें यह पदार्थ निकल जाता है और उसी समय एक्स-रे किया जाता है जिससे यह प्रक्रिया एक्स-रे फिल्म मे साफ साफ दिखती है की कौन सी ट्यूब खुली है या बंद है

    IV. TVS टी वी एस सोनोग्राफी

    टीवीएस टेस्ट एक डॉक्टर सोनोलॉजिस्ट या रेडियोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है इसके माध्यम से बच्चेदानी की सारी जानकारी दी जाती है जैसे कि बच्चेदानी में ब्लड का फ्लो कैसा है जो अंडे बन रहे हैं उनकी गुणवत्ता कैसी है उनकी संख्या कितनी है बच्चेदानी में अंदर कहीं कोई शिष्ट या गठान तो नहीं है बच्चेदानी की क्या पोजीशन है उसमें लिक्विड कि क्या स्थिति है ऐसी और जानकारी टीवीएस टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर को मिलती है

    V. पुरुष के टेस्ट , test for male in iui

    IUI प्रक्रिया में महिला के साथ उनके husband पति के भी कुछ जरूरी टेस्ट कराए जाते हैं इनमें नॉर्मली सीबीएसई ब्लड ग्रुप शुगर वीडीआरएल और जो बहुत जरूरी टेस्ट होता है वीर्य परीक्षण सीमेन एनालिसिस जो कि एक बहुत जरूरी टेस्ट है

    VI. वीर्य परीक्षण ( semen analysis) 

    महिला के साथी पार्टनर या पति का वीर्य परीक्षण टेस्ट पहले ही करा लिया जाता है जिससे कि आईयूआई की प्रक्रिया के टाइम कोई समस्या ना हो वीर्य का सैंपल जाने से पहले कुछ बताएं महत्वपूर्ण है तुमको जानना जरूरी होता है जिससे शुक्राणुओं की गुणवत्ता की सटीक जानकारी मिल सके नंबर 

    1.वीर्य सैंपल देने से पहले किसी तरह का नशा ना करें 

    2.कम से कम 4 से 5 दिन पहले से नसा बंद कर दे ! 

    3.किसी तरह की टेबलेट दवाइयां ना लें 

    4.जब भी आप सैंपल दें उस से 3 दिन पहले तक आपको वीर्य नहीं निकालना ,3 दिन में कम से कम गैप होना चाहिए! 

    वीर्य टेस्ट के लिए सैंपल एकदम साफ one time use नीट एंड क्लीन कंटेनर में pathology lab मे दिया जाता है

    वीर्य को निकालने के लगभग 30 मिनट से 60 मिनिट के बीच में lab मे देना होता है फिर इस सैंपल में डॉक्टर  पैथोलॉजिस्ट कुछ फिजिकल केमिकल और माइक्रोस्कोपिक टेस्ट किए जाते हैं 

     Physical test वीर्य की मात्रा उसका कलर वीर्य की गुणवत्ता और वह कितनी देर में लिक्विड या पतला हो रहा है

    माइक्रोस्कोपिक टेस्ट में शुक्राणु की की संख्या मोटिलिटी जिंदा और मृत शुक्राणु की संख्या , जो  जो शुक्राणु जीवित है उनमें एक्टिव कितने और नॉन एक्टिव और उसके बाद नॉर्मल और ऐबनॉर्मल ( normal and abnormal) 

    Abnormal में दो मुंह वाले, दो पूछ वाले, बिना पूछ वाले , आदि

    grade-1 , 40-60% , मूवमेंट बहुत कम होता है ना के बराबर ! 

    ग्रेड 2 , 25-30% इन शुक्राणु में मूवमेंट grade-1 से अच्छा होता है पर अपनी ही जगह पर मूवमेंट करते हैं

    ग्रेड 3,  10-15% शुक्राणु आते हैं इनमें मूवमेंट अच्छा होता है लेकिन यह शुक्राणु आड़े तिरछे भागते हैं सीधी लाइन में नहीं चलते

    ग्रेड 4, 5-10% इस कैटेगरी में सबसे कम शुक्राणु आते हैं इनमें मूवमेंट फास्ट एंड स्टेट होता है यह तेज और सीधे भागते हैं प्रेगनेंसी में मुख्य भूमिका निभाते हैं अधिकतर प्रेगनेंसी ग्रेड 4 के शुक्राणु पर होती है

    Semen wash 

    अच्छे स्वास्थ्य शुक्राणुओं को निकालने के लिए आईयूआई के पहले सीमेन बॉस कराया जाता है जिससे आईयूआई के परिणाम अच्छे मिले और कम से कम टाइम में शुक्राणु अंडे से मिलकर एक स्वस्थ भ्रूण का निर्माण करें स्वस्थ अंडे और स्वस्थ शुक्राणु प्रेग्नेंसी के लिए उत्तरदाई है

    आईयूआई प्रक्रिया IUI technic

    निसंतान दंपति या माता पिता बनने वाले महिला पुरुष की सारी रिपोर्टिंग आने के बाद उनका परीक्षण होने के बाद आईयूआई की प्रक्रिया चालू होती है महिला को ओव्यूलेशन या अंडा के विकास के लिए दवाइयां दी जाती हैं यह दवाइयां महावारी के पहले से ही चालू कर दी जाती है और पीरियड के समय भी चलती है महिला को पीरियड के बाद पांचवें या 6 वे से एक सोनोग्राफी की जाती है इसको फॉलिकल स्टडी कहते हैं इसमें डॉक्टर महिला के अंडों के विकास का निरीक्षण करते हैं अंडे का आकार उनकी संख्या और उनमें किस तरह की ग्रोथ हो रही है यह सब डॉक्टर फॉलिकल स्टडी के माध्यम से देखते हैं यह सोनोग्राफी 4 से 5 बार हो सकती है यह अंडे के ग्रुप पर ग्रोथ पर निर्भर है  महिला की ओवरी में बन रहे अंडे को बड़ा करने और फूटने के लिए कुछ दवाइयां या हार्मोनल इंजेक्शन भी दिए जाते हैं यह इंजेक्शन HCG IU5000 होते हैं इनसे बन रहे अंडे को growth करने में बहुत मदद मिलती है आईयूआई की प्रक्रिया अंडा फटने के बाद की जाती है जैसे ही अंडा पड़ता है डॉक्टर के द्वारा पहले से लिया गया वीर्य का सैंपल जोकि लैब के द्वारा पहले ही तैयार कर लिया जाता है (semen wash) उन शुक्राणु को महिला की ओवरी में डाला जाता है जहां पर अंडा बना हुआ है जोकि भ्रूण बनाने के लिए तैयार है जब उसमें स्पर्म को छोड़ते हैं तो वह स्पर्म अंडे से जाकर मिल जाते हैं और एक भ्रम बनाते हैं जो महिला की बच्चेदानी में जाकर चिपक जाते हैं आईयूआई की प्रक्रिया 24 घंटे और 36 घंटे में की जा सकती है यह प्रक्रिया एक बार या दो बार दोहरा सकते हैं  आईयूआई टेक्निक मैं कोई ऑपरेशन नहीं किया जाता यह टेक्निक दर्द रहित होती है डॉक्टर जो शुक्राणु महिला की ओवरी में डालते हैं उसके लिए एक पेपट् का उपयोग करते हैं

    Pregnancy क्या है

    IUI कितनी बार करा सकते है

    आईयूआई की प्रक्रिया ओरल मेडिसिन लेकर एक से दो बार और हार्मोनल इंजेक्शन के साथ तीन चार बार कर सकते हैं इसके बाद एक से दो साइकिल छोड़कर इसको दोबारा कर सकते हैं

     पहली कोशिश में iui सफलता की दर

    आईयूआई की सफलता 15 से 20 पर्सेंट होती है मल्टीपल अंडे के साथ 25 से 30 परसेंट तक होती है

    Ivf क्या है जाने

    IUI कौन नहीं कर सकता

    I  जिन प्रश्नों के पुरुषों के वीर्य में शुक्राणु की संख्या बहुत कम है किया नहीं है

    2. जिन महिलाओं की फेलपियन ट्यूब दोनों बंद है या किसी कारण से निकाल दी गई है

    3. जिन महिलाओं में अंडे नहीं बन रहे या उनकी ओवरी में इंफेक्शन है

    4. वह महिलाएं जिनकी बच्चेदानी किसी बीमारी के चलते निकाल दी गई हो


    आईयूआई प्रक्रिया का खर्च, IUI treatment cost

    IUI टेक्निक आईवीएफ (IVF )से  बहुत कम होती है इसको आम लोग भी कर सकते हैं इसका खर्च आपके डॉक्टर शहर पैथोलॉजी की सुविधाओं पर निर्भर करता है फिर भी इसका खर्च लगभग 8000 से ₹10000 में हो जाता है

    नोट - आईयूआई टेक्निक की सारी जानकारी गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर के अनुसार एवं कुछ मेडिकल बुक्स की स्टडी के आधार पर है यह किसी तरह का कोई ट्रीटमेंट नहीं है आपको कोई समस्या है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें

    Comments

    Popular posts from this blog

    डार्क चॉकलेट खाने के फायदे, Best dark chocolate

    डार्क चॉकलेट का ऐतिहासिक महत्व डार्क चॉकलेट का इतिहास हजारों साल पुराना है। इसे सबसे पहले माया और एज़टेक सभ्यताओं ने खोजा था। प्राचीन समय में कोकोआ बीन्स को "देवताओं का भोजन" कहा जाता था। माया सभ्यता में इसे अनुष्ठानों और धार्मिक आयोजनों का हिस्सा माना जाता था। एज़टेक लोग कोकोआ को मुद्रा के रूप में भी उपयोग करते थे। जब यूरोपीय लोगों ने कोकोआ की खोज की, तो उन्होंने इसे मीठा बनाकर दुनिया भर में लोकप्रिय बना दिया। 19वीं शताब्दी में डार्क चॉकलेट का उत्पादन व औद्योगिक रूप से शुरू हुआ, और यह एक प्रीमियम खाद्य उत्पाद बन गया। डार्क चॉकलेट का उत्पादन और प्रक्रिया डार्क चॉकलेट बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल होती है, जिसमें कोकोआ बीन्स को कई चरणों से गुजरना पड़ता है। कोकोआ की खेती: कोकोआ के पेड़ मुख्यतः उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों जैसे अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया में उगाए जाते हैं। कोकोआ बीन्स को फलों के भीतर पाया जाता है, जिन्हें मैन्युअल रूप से निकाला जाता है। फर्मेंटेशन: बीन्स को किण्वन (फर्मेंटेशन) के लिए रखा जाता है। यह प्रक्रिया उनके स्वाद को गहराई प्रदान करती है। ...

    Heart attack ke symptom

    हार्ट अटैक के लक्षण, कारण, और निवारण: रासायनिक उत्पादों का योगदान और जैविक समाधान दिल का दौरा (हार्ट अटैक) एक ऐसी गंभीर स्थिति है जो किसी भी व्यक्ति के जीवन को क्षणभर में बदल सकती है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्तर पर भी गहरा प्रभाव डालता है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में, हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं—खासकर हमारी बदलती जीवनशैली और रासायनिक युक्त उत्पादों का अत्यधिक उपयोग। इस लेख में, हम हार्ट अटैक के लक्षण (heart attack ke lakshan), इसके लिए जिम्मेदार कारणों (विशेष रूप से रासायनिक उत्पाद), समाधान, और जैविक उत्पादों (organic products) के महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे। यह लेख आपको नई, आकर्षक, और कम जानी जाने वाली जानकारियों से भरपूर एक अनोखा अनुभव देगा, जो आपको अंत तक पढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। सूची (Table of Contents) 1. परिचय 2. [दिल का दौरा क्या है? 3. [हार्ट अटैक के लक्षण    - [सामान्य लक्षण]    - [महिलाओं में विशेष लक्षण]     - [कम जानी जाने वाली चेतावनिया...

    "Weight-Loss Drugs: Miracle Cure or Hidden Danger?"

     Weight-loss Drugs: A Boon to Health or a Cause for Concern? In recent years, weight-loss medications like Ozempic, Wegovy, and Mounjaro have made headlines for their ability to transform not only waistlines but also overall health. While initially developed for managing type 2 diabetes, these drugs quickly gained popularity when weight loss was identified as a significant side effect. However, as their use becomes widespread, researchers are uncovering both promising health benefits and potential risks. The Comprehensive Impact on Health A groundbreaking study involving two million individuals provides a holistic view of how these drugs impact the human body. The findings, published in Nature Medicine, reveal that beyond aiding weight loss, these medications offer surprising benefits: 1. Cardiovascular Health: Users experienced lower rates of heart attacks, strokes, and high blood pressure. These improvements are attributed not only to weight reduction but also to the direct effec...

    "लीवर की सेहत के लिए आज ही अपनाएं ये आसान टिप्स, और देखें चमत्कार!"

    Table of Contents (विषय-सूची) परिचय फर्मेंटेशन क्या है? आंतों के लिए फर्मेंटिड फूड क्यों जरूरी हैं? रोज़ खाने लायक 5 फर्मेंटिड फूड दही किमची केफिर सॉअरक्राउट मिसो फर्मेंटिड फूड्स के फायदे अक्सर पूछे जाने वाले सवाल निष्कर्ष.      1. परिचय आपकी आंतों का स्वास्थ्य आपके पूरे शरीर के स्वास्थ्य का आईना है। आंतों में बैक्टीरिया का एक पूरा बायोम (Gut Microbiome) मौजूद होता है, जो आपके पाचन, प्रतिरक्षा प्रणाली और यहां तक कि मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। अगर आप अपनी आंतों को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो फर्मेंटिड फूड्स आपके लिए एक आश्चर्यजनक उपाय हैं। ये खाद्य पदार्थ आपके शरीर में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाते हैं, जिससे आपकी गट हेल्थ बेहतर होती है। आइए जानते हैं कि ये फूड्स कौन-कौन से हैं और उनके क्या फायदे हैं। 2. फर्मेंटेशन क्या है? फर्मेंटेशन एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें खाद्य पदार्थों में मौजूद बैक्टीरिया या यीस्ट के द्वारा कार्बोहाइड्रेट को अल्कोहल या ऑर्गैनिक एसिड में बदल दिया जाता है। यह प्रक्रिया न केवल खाद्य पदार्थों का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि उन्हें और भी...

    Khujli ki dava

    विषय-सूची (Table of Content) 1. परिचय (Introduction)   2. खुजली क्या है? (What is Itching?)   3. खुजली के प्रमुख कारण (Main Causes of Itching)   4. घरेलू उपचार: खुजली की दवा के रूप में (Home Remedies as Khujali Ki Dava)   5. दाद, खाज, और गुप्त अंगों की खुजली का इलाज (Dad, Khaj, aur Gupt Angon Ki Khujali Ka Ilaj)   6. मेडिकल ट्रीटमेंट: कब डॉक्टर से संपर्क करें? (When to Opt for Medical Treatment?)   7. खुजली से बचाव के टिप्स (Prevention Tips for Itching)   8. निष्कर्ष (Conclusion)   9. अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)   1. परिचय (Introduction) खुजली या "खाज" एक ऐसी समस्या है जो किसी को भी, कभी भी परेशान कर सकती है। चाहे शरीर का कोई दिखने वाला हिस्सा हो या गुप्त अंग (Gupt Angon Ki Khujali), खुजली न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी असहज बना देती है। कई बार यह एलर्जी, त्वचा रोग, या संक्रमण के कारण होती है, तो कभी गलत लाइफस्टाइल की वजह से। इस लेख में, हम खुजली की दवा (Khujali Ki Dava), दाद-खाज की समस...