IUI fullform in medical
IUI इंट्रायूटरिन इनसेमिनेशन
आईयूआई एक चिकित्सा प्रक्रिया है इस प्रक्रिया में निसंतान दंपति को मां बाप बनने का सुख प्राप्त हो सकता है
आईयूआई क्या है
जो दंपति प्राकृतिक निषेचन से मां बाप नहीं बन पाते या इनको संतान प्राप्ति नहीं होती ,उनके लिए गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर या आईवीएफ स्पेशलिस्ट द्वारा महिला के गर्भाशय में पुरुष के शुक्राणु को डाला जाता है और भ्रूण तैयार किया जाता है महिला को गर्भवती बनाते हैं यह सारी प्रक्रिया को आईयूआई कहते हैं
IUI आईयूआई की प्रक्रिया , IUI treatment in hindi
I जब भी दंपति संतान प्राप्ति के लिए डॉक्टर के यहां पहले विजिट करते हैं तब डॉक्टर पति पत्नी की सारी जानकारी लेते हैं जैसे महिला LMP Date लास्ट माहवारी कब आई थी महिला के पीरियड टाइम पर आते हैं या आगे पीछे इससे पहले कभी प्रेग्नेंट हुए या नहीं शादी को कितना टाइम हो गया , किसी तरह का कोई नशा कोई बीमारी जैसे टीवी एचआईवी हेपेटाइटिस बच्चेदानी का कोई ऑपरेशन या किसी बीमारी का परिवारिक इतिहास जानकारी आदि और फिजिकल चेकअप किया जाता है
II डॉक्टर दोनों हस्बैंड वाइफ या पाटनर जी पार्टनर की कुछ जाति करवाते हैं किससे नेक्स्ट प्रक्रिया क्या होगी यह डॉक्टर की रिपोर्ट पर निर्भर करता है इसमें महिला की कुछ जरूरी जांचें कराई जाती है जैसे कि सीबीसी(CBC) ब्लड ग्रुप (Blood group)शुगर(sugar) थायराइड (thyroid) एचआईवी (HIV)हेपेटाइटिस HbsAg, वीडीआरएल(VDRL)एल एच(LH ) FSH प्रोलेक्टिन (PRL.)और सोनोग्राफी में टीवीएस (TVS )एचएसजी (HSG)
III. HSG
HSG यह एक प्रकार का एक्सरे होता है यह टेस्ट आईयूआई मैं मुख्य भूमिका निभाता है इस एक्स-रे डॉक्टर यह देखते हैं की महिला की फैलोपियन ट्यूब( यह दो नलिया होती है जिनके माध्यम से पुरुष के शुक्राणु महिला की बच्चेदानी तक पहुंचकर अंडे से मिलते हैं) बंद है या खुली है या एक बंद है या खुली है आईयूआई के लिए कम से कम एक ट्यूब का खुला होना बहुत जरूरी है तभी IUI प्रक्रिया संभव है एचएसजी टेस्ट महिला के माहवारी के 8-10 वे दिन किया जाता है इसमें डॉक्टर के द्वारा महिला की फैलोपियन ट्यूब में एक तरल पदार्थ डाला जाता है जिसको डाई कहते हैं यह डाई वहां जाकर रुक जाती है जहां पर ब्लॉकेज या ट्यूब ब्लॉक होती है और जो नली खुली होती है उसमें यह पदार्थ निकल जाता है और उसी समय एक्स-रे किया जाता है जिससे यह प्रक्रिया एक्स-रे फिल्म मे साफ साफ दिखती है की कौन सी ट्यूब खुली है या बंद है
IV. TVS टी वी एस सोनोग्राफी
टीवीएस टेस्ट एक डॉक्टर सोनोलॉजिस्ट या रेडियोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है इसके माध्यम से बच्चेदानी की सारी जानकारी दी जाती है जैसे कि बच्चेदानी में ब्लड का फ्लो कैसा है जो अंडे बन रहे हैं उनकी गुणवत्ता कैसी है उनकी संख्या कितनी है बच्चेदानी में अंदर कहीं कोई शिष्ट या गठान तो नहीं है बच्चेदानी की क्या पोजीशन है उसमें लिक्विड कि क्या स्थिति है ऐसी और जानकारी टीवीएस टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर को मिलती है
V. पुरुष के टेस्ट , test for male in iui
IUI प्रक्रिया में महिला के साथ उनके husband पति के भी कुछ जरूरी टेस्ट कराए जाते हैं इनमें नॉर्मली सीबीएसई ब्लड ग्रुप शुगर वीडीआरएल और जो बहुत जरूरी टेस्ट होता है वीर्य परीक्षण सीमेन एनालिसिस जो कि एक बहुत जरूरी टेस्ट है
VI. वीर्य परीक्षण ( semen analysis)
महिला के साथी पार्टनर या पति का वीर्य परीक्षण टेस्ट पहले ही करा लिया जाता है जिससे कि आईयूआई की प्रक्रिया के टाइम कोई समस्या ना हो वीर्य का सैंपल जाने से पहले कुछ बताएं महत्वपूर्ण है तुमको जानना जरूरी होता है जिससे शुक्राणुओं की गुणवत्ता की सटीक जानकारी मिल सके नंबर
1.वीर्य सैंपल देने से पहले किसी तरह का नशा ना करें
2.कम से कम 4 से 5 दिन पहले से नसा बंद कर दे !
3.किसी तरह की टेबलेट दवाइयां ना लें
4.जब भी आप सैंपल दें उस से 3 दिन पहले तक आपको वीर्य नहीं निकालना ,3 दिन में कम से कम गैप होना चाहिए!
वीर्य टेस्ट के लिए सैंपल एकदम साफ one time use नीट एंड क्लीन कंटेनर में pathology lab मे दिया जाता है
वीर्य को निकालने के लगभग 30 मिनट से 60 मिनिट के बीच में lab मे देना होता है फिर इस सैंपल में डॉक्टर पैथोलॉजिस्ट कुछ फिजिकल केमिकल और माइक्रोस्कोपिक टेस्ट किए जाते हैं
Physical test वीर्य की मात्रा उसका कलर वीर्य की गुणवत्ता और वह कितनी देर में लिक्विड या पतला हो रहा है
माइक्रोस्कोपिक टेस्ट में शुक्राणु की की संख्या मोटिलिटी जिंदा और मृत शुक्राणु की संख्या , जो जो शुक्राणु जीवित है उनमें एक्टिव कितने और नॉन एक्टिव और उसके बाद नॉर्मल और ऐबनॉर्मल ( normal and abnormal)
Abnormal में दो मुंह वाले, दो पूछ वाले, बिना पूछ वाले , आदि
grade-1 , 40-60% , मूवमेंट बहुत कम होता है ना के बराबर !
ग्रेड 2 , 25-30% इन शुक्राणु में मूवमेंट grade-1 से अच्छा होता है पर अपनी ही जगह पर मूवमेंट करते हैं
ग्रेड 3, 10-15% शुक्राणु आते हैं इनमें मूवमेंट अच्छा होता है लेकिन यह शुक्राणु आड़े तिरछे भागते हैं सीधी लाइन में नहीं चलते
ग्रेड 4, 5-10% इस कैटेगरी में सबसे कम शुक्राणु आते हैं इनमें मूवमेंट फास्ट एंड स्टेट होता है यह तेज और सीधे भागते हैं प्रेगनेंसी में मुख्य भूमिका निभाते हैं अधिकतर प्रेगनेंसी ग्रेड 4 के शुक्राणु पर होती है
Semen wash
अच्छे स्वास्थ्य शुक्राणुओं को निकालने के लिए आईयूआई के पहले सीमेन बॉस कराया जाता है जिससे आईयूआई के परिणाम अच्छे मिले और कम से कम टाइम में शुक्राणु अंडे से मिलकर एक स्वस्थ भ्रूण का निर्माण करें स्वस्थ अंडे और स्वस्थ शुक्राणु प्रेग्नेंसी के लिए उत्तरदाई है
आईयूआई प्रक्रिया IUI technic
निसंतान दंपति या माता पिता बनने वाले महिला पुरुष की सारी रिपोर्टिंग आने के बाद उनका परीक्षण होने के बाद आईयूआई की प्रक्रिया चालू होती है महिला को ओव्यूलेशन या अंडा के विकास के लिए दवाइयां दी जाती हैं यह दवाइयां महावारी के पहले से ही चालू कर दी जाती है और पीरियड के समय भी चलती है महिला को पीरियड के बाद पांचवें या 6 वे से एक सोनोग्राफी की जाती है इसको फॉलिकल स्टडी कहते हैं इसमें डॉक्टर महिला के अंडों के विकास का निरीक्षण करते हैं अंडे का आकार उनकी संख्या और उनमें किस तरह की ग्रोथ हो रही है यह सब डॉक्टर फॉलिकल स्टडी के माध्यम से देखते हैं यह सोनोग्राफी 4 से 5 बार हो सकती है यह अंडे के ग्रुप पर ग्रोथ पर निर्भर है महिला की ओवरी में बन रहे अंडे को बड़ा करने और फूटने के लिए कुछ दवाइयां या हार्मोनल इंजेक्शन भी दिए जाते हैं यह इंजेक्शन HCG IU5000 होते हैं इनसे बन रहे अंडे को growth करने में बहुत मदद मिलती है आईयूआई की प्रक्रिया अंडा फटने के बाद की जाती है जैसे ही अंडा पड़ता है डॉक्टर के द्वारा पहले से लिया गया वीर्य का सैंपल जोकि लैब के द्वारा पहले ही तैयार कर लिया जाता है (semen wash) उन शुक्राणु को महिला की ओवरी में डाला जाता है जहां पर अंडा बना हुआ है जोकि भ्रूण बनाने के लिए तैयार है जब उसमें स्पर्म को छोड़ते हैं तो वह स्पर्म अंडे से जाकर मिल जाते हैं और एक भ्रम बनाते हैं जो महिला की बच्चेदानी में जाकर चिपक जाते हैं आईयूआई की प्रक्रिया 24 घंटे और 36 घंटे में की जा सकती है यह प्रक्रिया एक बार या दो बार दोहरा सकते हैं आईयूआई टेक्निक मैं कोई ऑपरेशन नहीं किया जाता यह टेक्निक दर्द रहित होती है डॉक्टर जो शुक्राणु महिला की ओवरी में डालते हैं उसके लिए एक पेपट् का उपयोग करते हैं
IUI कितनी बार करा सकते है
आईयूआई की प्रक्रिया ओरल मेडिसिन लेकर एक से दो बार और हार्मोनल इंजेक्शन के साथ तीन चार बार कर सकते हैं इसके बाद एक से दो साइकिल छोड़कर इसको दोबारा कर सकते हैं
पहली कोशिश में iui सफलता की दर
आईयूआई की सफलता 15 से 20 पर्सेंट होती है मल्टीपल अंडे के साथ 25 से 30 परसेंट तक होती है
IUI कौन नहीं कर सकता
I जिन प्रश्नों के पुरुषों के वीर्य में शुक्राणु की संख्या बहुत कम है किया नहीं है
2. जिन महिलाओं की फेलपियन ट्यूब दोनों बंद है या किसी कारण से निकाल दी गई है
3. जिन महिलाओं में अंडे नहीं बन रहे या उनकी ओवरी में इंफेक्शन है
4. वह महिलाएं जिनकी बच्चेदानी किसी बीमारी के चलते निकाल दी गई हो
आईयूआई प्रक्रिया का खर्च, IUI treatment cost
IUI टेक्निक आईवीएफ (IVF )से बहुत कम होती है इसको आम लोग भी कर सकते हैं इसका खर्च आपके डॉक्टर शहर पैथोलॉजी की सुविधाओं पर निर्भर करता है फिर भी इसका खर्च लगभग 8000 से ₹10000 में हो जाता है
नोट - आईयूआई टेक्निक की सारी जानकारी गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर के अनुसार एवं कुछ मेडिकल बुक्स की स्टडी के आधार पर है यह किसी तरह का कोई ट्रीटमेंट नहीं है आपको कोई समस्या है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें
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