एथिकल मेडिसिन एवं जेनेरिक मेडिसिन: एक विस्तृत विश्लेषण
: एथिकल मेडिसिन और जेनेरिक मेडिसिन क्या होती हैं?
आज के दौर में दवाओं का महत्व हर घर में महसूस किया जाता है। स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती जरूरत के बीच, एथिकल मेडिसिन (Ethical Medicine) और जेनेरिक मेडिसिन (Generic Medicine) जैसे विकल्प हमारे सामने हैं। ये दवाएं अपनी कार्यक्षमता, गुणवत्ता और उपयोग के अनुसार अलग-अलग होती हैं। इस लेख में, हम जानेंगे कि एथिकल और जेनेरिक दवाओं के बीच क्या अंतर है, ये क्यों बनाई जाती हैं, और क्या जेनेरिक दवाएं नकली होती हैं। साथ ही इनसे जुड़ी सरकारी नीतियों और अन्य संबंधित तथ्यों पर चर्चा करेंगे।
: एथिकल मेडिसिन क्या है? What is ethical medicine
एथिकल मेडिसिन किसी विशिष्ट ब्रांड द्वारा निर्मित दवाएं होती हैं, जिन्हें डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर ही बेचा जा सकता है। इन दवाओं का निर्माण रिसर्च एवं डेवलपमेंट (R&D) के लंबे और खर्चीले प्रक्रिया के बाद किया जाता है। इन्हें बनाने वाली कंपनियां दवा के फार्मूले पर पेटेंट लेती हैं, जिससे कोई अन्य कंपनी इस फॉर्मूले को बिना अनुमति के उपयोग नहीं कर सकती।
एथिकल मेडिसिन की मुख्य विशेषताएं:
रिसर्च-आधारित विकास: एथिकल दवाओं का निर्माण गहन वैज्ञानिक अनुसंधान और क्लीनिकल ट्रायल्स के बाद किया जाता है।
पेटेंट सुरक्षा: इन दवाओं के फॉर्मूले पर पेटेंट होता है, जो इसे कॉपी होने से बचाता है।
ब्रांडेड उत्पाद: यह दवाएं किसी विशेष ब्रांड नाम के तहत बेची जाती हैं।
कीमत: रिसर्च, पेटेंट, और मार्केटिंग के कारण इनकी कीमत अधिक होती है।
उदाहरण: पेनकिलर "ब्रूफेन" एक एथिकल मेडिसिन है, जिसका ब्रांड नाम इसे बाजार में अलग पहचान देता है।
: जेनेरिक मेडिसिन क्या है? What is generic medicine
जेनेरिक मेडिसिन वे दवाएं हैं जो एथिकल मेडिसिन के पेटेंट खत्म होने के बाद बनाई जाती हैं। इनका फॉर्मूला एथिकल मेडिसिन जैसा ही होता है, लेकिन इनकी कीमत काफी कम होती है। ये बिना किसी ब्रांड नाम के उपलब्ध होती हैं और अक्सर डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के बिना भी खरीदी जा सकती हैं।जेनेरिक मेडिसिन की मुख्य विशेषताएं:
समान सक्रिय घटक (Active Ingredient): इन दवाओं में वही सक्रिय तत्व होते हैं, जो एथिकल मेडिसिन में होते हैं।
कम लागत: ये दवाएं सस्ती होती हैं क्योंकि इन पर R&D या पेटेंट का खर्च नहीं होता।
सरकारी प्रोत्साहन: सरकार इन्हें बढ़ावा देती है ताकि सभी वर्ग के लोग गुणवत्तापूर्ण दवाएं खरीद सकें।
ब्रांड नाम का अभाव: जेनेरिक दवाएं ब्रांड नाम के बिना साधारण पैकेजिंग में आती हैं।
उदाहरण: "पैरासिटामोल" एक जेनेरिक मेडिसिन है, जो बुखार और दर्द के लिए उपयोगी है।
: क्या जेनेरिक मेडिसिन नकली होती हैं?
यह धारणा गलत है कि जेनेरिक मेडिसिन नकली होती हैं। दरअसल, इनका निर्माण विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संबंधित सरकारी एजेंसियों द्वारा तय मानकों के अनुसार होता है।मुख्य अंतर:
गुणवत्ता: जेनेरिक और एथिकल दवाओं की गुणवत्ता समान होती है।
लागत: जेनेरिक दवाएं पेटेंट और ब्रांडिंग पर खर्च न होने के कारण सस्ती होती हैं।
उपलब्धता: जेनेरिक दवाएं आमतौर पर अधिक मात्रा में उपलब्ध होती हैं।
सरकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत, जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा दिया जाता है ताकि गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
: कंपनियां जेनेरिक मेडिसिन क्यों बनाती हैं?
जब किसी एथिकल मेडिसिन का पेटेंट समाप्त हो जाता है, तो अन्य फार्मा कंपनियां उसी फॉर्मूले का उपयोग करके जेनेरिक मेडिसिन बनाती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य बाजार में सस्ती और सुलभ दवाएं उपलब्ध कराना है।जेनेरिक मेडिसिन बनाने का उद्देश्य:
कम आय वर्ग के लोगों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराना।
सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना।
बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाना, जिससे दवाओं की कीमतें नियंत्रित रहें।
: सरकार का रुख और नीतियां
भारत सरकार ने सस्ती दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत, उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं सस्ती दरों पर बेची जाती हैं।सरकार द्वारा उठाए गए कदम:
दवाओं की गुणवत्ता की निगरानी: यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी जेनेरिक दवाएं WHO-GMP (Good Manufacturing Practices) के मानकों के अनुरूप हों।
लाइसेंसिंग और रेगुलेशन: दवाओं के निर्माण और बिक्री के लिए लाइसेंस आवश्यक है।
जनजागरूकता: लोगों को यह बताने के लिए अभियान चलाए जाते हैं कि जेनेरिक दवाएं भी एथिकल दवाओं के समान प्रभावी होती हैं।
: एथिकल मेडिसिन बनाम जेनेरिक मेडिसिन: तुलना
| पैरामीटर | एथिकल मेडिसिन | जेनेरिक मेडिसिन ||----------------------|---------------------------|-----------------------------|
| मूल्य | महंगी | सस्ती |
| फॉर्मूला | पेटेंट द्वारा संरक्षित | समान फॉर्मूला का उपयोग |
| ब्रांडिंग | ब्रांड नाम के तहत | बिना ब्रांड नाम के |
| उपलब्धता | केवल प्रिस्क्रिप्शन पर | बिना प्रिस्क्रिप्शन भी |
| उत्पादन प्रक्रिया | महंगी और समय लेने वाली | लागत प्रभावी और सरल |
: निष्कर्ष
एथिकल मेडिसिन और जेनेरिक मेडिसिन, दोनों का अपना-अपना महत्व है। जहां एथिकल दवाएं नई खोज और उन्नत चिकित्सा के लिए जानी जाती हैं, वहीं जेनेरिक दवाएं सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का माध्यम हैं। यह स्पष्ट है कि जेनेरिक दवाएं नकली नहीं होतीं, बल्कि वे गुणवत्ता और प्रभावशीलता के मानकों पर खरी उतरती हैं। सरकार और फार्मा कंपनियों का उद्देश्य यही है कि हर व्यक्ति को उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं मिल सकें, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कैसी भी हो।स्रोत: source of article
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट्सभारत सरकार की प्रधानमंत्री जन औषधि योजना
सीडीएससीओ (CDSCO) दवा गुणवत्ता नियंत्रण बोर्ड
स्वास्थ्य संबंधित रिपोर्ट्स और ऑनलाइन शोध।
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